पीओके में भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में इमरान की फजीहत, विपक्ष ने घेराबंदी की


  • इस साल पाकिस्तानी सेना ने 2317 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया

  • पाकिस्तान में विपक्ष का आरोप- इमरान ने खुफिया तंत्र की मदद से वोट चुराए और सरकार बना ली



दैनिक भास्कर से (साभार)



इस्लामाबाद (शाह जमाल). पाकिस्तान और भारत के बीच माहौल फिर गर्म हो गया है। इस्लामाबाद के शासन-प्रशासन और राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि भारत की नीलम घाटी में कार्रवाई से पाकिस्तान को हाल के दिनों का सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के हमले में उसके 9 नागरिक और एक सैनिक मारा गया। हालांकि, इस ताजा घटनाक्रम से इमरान सरकार को ऑक्सीजन मिल गई है।


दरअसल, 27 अक्टूबर को विपक्षी दल इस्लामाबाद में 10 लाख लोगों के साथ इमरान खान का घेराव करने वाले हैं। यह इमरान सरकार के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े प्रदर्शन की तैयारी है। इसमें विपक्षी दल जैसे नवाज शरीफ की पीएमएल एन, जरदारी की पीपीपी और मौलाना फजलू रहमान की जमीयत उलेमा इस्लाम जैसे दल हैं। इनका मानना है कि इमरान ने खुफिया तंत्र की मदद से वोट चुराए और सरकार बनाने में कामयाब रहे। पाकिस्तान प्रशासन के विश्वस्त सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इमरान खान और उनकी कैबिनेट इस होने वाले प्रदर्शन से काफी डरे हुए हैं। वे पिछले दरवाजे से विपक्ष के नेताओं को मनाने का प्रयास भी कर रहे हैं। भारत की जवाबी कार्रवाई के कारण पाकिस्तान की आवाम और मीडिया का ध्यान आजादी मार्च से हटकर हिंदुस्तान-पाकिस्तान और पीओके पर शिफ्ट हो गया है।


विपक्ष को मार्च रोक देना चाहिए   


इमरान खान की पार्टी के गढ़ खैबर पख्तूनख्वाह के सूचना और प्रसारण मंत्री शौकत युसूफजई ने इस जुलूस में शामिल होने वाली पार्टियों और कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि ये सब मिलकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। भास्कर से फोन पर हुई बात पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को तत्काल मार्च रोक देना चाहिए, क्योंकि सीमा पर दुश्मन हावी है।


कुपवाड़ा में पाकिस्तान ने भारतीय घरों को नुकसान पहुंचाया


तंगधार के एसएचओ वसीम ने बताया कि पाकिस्तान सेना ने 14 घंटे तक गोलीबारी की। इसमें सीमा से सटे गांव घुंडीशत, इबकोट, चमकोट, चित्राकूट के 50 घरों को नुकसान पहुंचा। एक नागरिक मारा गया।


भास्कर एक्सपर्ट: 370 पर किरकिरी के बाद कश्मीर मुद्दा गरमाए रखने पाकिस्तान  कर रहा गोलीबारी 


भास्कर एक्सपर्ट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया कि पाकिस्तान सितंबर तक 2000 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन कर चुका है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद भी कश्मीर में कोई ऐसी हलचल नहीं है, जो पाकिस्तान के फायदे में हो। ऐसी स्थिति में वह एलओसी पर माहौल गर्म रखना चाहता है। इसलिए गोलीबारी कर रहा है। पाकिस्तान की सेना और छिपी ताकतें खिन्न हैं। ऐसे में भारत को हर उल्लंघन का मुुंहतोड़ जवाब देना ही चाहिए। 



एफएटीएफ:  भारत की कार्रवाई का एफएटीएफ से सीधे तौर पर कोई ताल्लुक नहीं है। कुछ देश पाकिस्तान की वित्तीय मदद समय-समय पर करते रहेंगे। एफएटीएफ का पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करना पाकिस्तान के लिए खतरनाक साबित हो सकता था। ये भारत के प्रयासों का नतीजा था कि कम से कम पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया।


आतंकी नेटवर्क: हमें नहीं भूलना चाहिए कि भौगोलिक रणनीति के आधार पर पाकिस्तान महत्वपूर्ण देश है। हालांकि, पिछले एक साल में वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाया। 



चीन के बारे में: कश्मीर के इर्द-गिर्द चीन अहम खिलाड़ी है। वह जानता है कि भारत एलओसी पर पाकिस्तान की हरकतें बर्दाश्त नहीं करेगा। कश्मीर की सुरक्षा के लिए वह सब करेगा जो जरूरी होगा। 



पीओके की चर्चा : रक्षा मंत्री ने कहा था कि पीओके पर भारत मुखर रहेगा। इसका सीधा गहरा असर पाकिस्तान की मानसिकता पर होना चाहिए। सैन्य ताकत के इस्तेमाल से पीओके को वापस लेना जटिल होगा, क्योंकि गिलगित बल्टिस्तान में चीन का हस्तक्षेप है। कोई भी सैन्य कार्रवाई चीन के साथ भारत के रिश्तों पर, अक्साई चिन के मद्देनजर असर डालेगी। चीन भारत के साथ सैन्य बल के तौर पर उलझना नहीं चाहेगा। 


आतंक को पाल रहे पाकिस्तान की हालत खस्ता: 32,240 अरब रुपए का कर्ज 



  • जंग का डर: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने अगस्त में कहा था कि अक्टूबर-नवंबर या दिसंबर में भारत के साथ जंग हो सकती है। प्रधानमंत्री इमरान खान भी कह चुके हैं कि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं। युद्ध हुआ तो कुछ नहीं बचेगा।

  • जनता साथ नहीं : इमरान ने पिछले माह पीओके के मुजफ्फराबाद में रैली भी की। यह फ्लॉप रही। रैली से पहले लोगों ने इमरान खान वापस जाओ के नारे लगाए। पाकिस्तान का संगठन जमीयत उलेमा ए इस्लाम 27 अक्टूबर को इमरान सरकार के खिलाफ आजादी मार्च निकालेगा। अन्य दल भी इमरान के खिलाफ बोल रहे हैं।

  • आर्थिक बदहाली : पाकिस्तान में इमरान सरकार को एक साल पूरा हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने अगस्त 2018 से अगस्त 2019 तक विदेश से 2804 अरब रुपए और घरेलू स्रोतों से 4705 अरब रुपए का कर्ज लिया है। देश पर कुल कर्ज 32,240 अरब रुपए हो गया है। अगस्त 2018 में यह 24,732 अरब रुपए था।

  • दुनिया ने नकारा:  पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले में कई देशों के सामने गुहार लगाई। पर चीन, मलेशिया, तुर्की के अलावा उसे किसी का साथ नहीं मिला। यहां तक कि यूएन ने भी कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें तीसरे देश को बीच में नहीं आना चाहिए।


आतंक पर दुनिया को ऐसे गुमराह कर रहा है पाक



  • आतंकियों की गिरफ्तारी: एफएटीएफ द्वारा ब्लैकलिस्ट होने के डर से पाक ने आतंकियों की गिरफ्तारी का दिखावा किया।

  • कोर्ट से राहत: हाफिज सईद ने कोर्ट में दलील दी कि आतंकी फंडिंग से उसका लेना-देना नहीं है। कोर्ट ने उसकी बात मान ली।

  • आतंक पर नरमी: एफएटीएफ ने माना कि पाकिस्तान ने हाफिज और मसूद अजहर जैसे आतंकी और उनके संगठनों पर नरमी बरती।



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